यह केवल ग्रंथ नहीं अपितु बाबा लक्ष्मण दास जी का पुनर्जन्म है। इस ग्रंथ से निश्चित ही अज्ञानी और भटके हुए जीवो को सच्चे संत की पहचान के साथ साथ आध्यात्मिक शिक्षा भी प्राप्त होगी। धन्य है वह लोग जिन्हें इस महान तपस्वी का सानिध्य प्राप्त हुआ।
- श्रद्धेय महामंडलेश्वर स्वामी अक्षरानंद गिरी जी
निरंजन वेदांत संन्यास आश्रम, पाटी, जम्मू कश्मीर
आंध्र प्रदेश में जन्मे बाबा लक्ष्मण दास जी ने अपना पूरा जीवन जम्मू कश्मीर में समाज के उत्थान हेतु समर्पित किया था।उनका यह प्रेरक और प्रखर जीवन चरित्र अब इस ग्रंथ के माध्यम से शब्दबद्ध हुआ है, जो आने वाली पीढ़ियों को सदियों तक प्रेरित करता रहेगा।
- डॉ जितेंद्र सिंह जी
केंद्रीय राज्यमंत्री, प्रधान मंत्री कार्यालय, भारत सरकार
बाबा लक्ष्मण दास जी ने मनुष्य के अंदर छुपे ईश्वरत्व को जागृत किया। मुझे विश्वास है कि बाबा लक्ष्मण दास चरित्र ग्रंथ आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा। बाबा लक्ष्मण दास स्मारक आने वाले भविष्य में आध्यात्मिक पर्यटन क्षेत्र के रूप में उभरेगा और प्रदेश तथा देशवासियों को राष्ट्रभक्ति, त्याग और समर्पण का संदेश देता रहेगा।
- ब्रिगेडियर सूचेत सिंह जी
मा. प्रांत संघचालक, जम्मू कश्मीर प्रांत
यह ग्रंथ लिखने कि प्रेरणा हमे इस कारण मिली, क्यों की अगर इस अनसुने चरित्र को नहीं लिखा जाता तो आने वाली पीढ़ियां इस अलौकिक व्यक्तित्व के महान कार्यों से परिचित होने से, उससे प्रेरणा प्राप्त करने से वंचित रह जाती।
- श्री शशांक कुलकर्णी
प्रवर्तक तथा समन्वयक,
बाबा लक्ष्मण दास स्मारक निर्माण समिती, पाटी , जम्मू कश्मीर